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Friday, September 24, 2010

शहरों में असुरक्षित लड़कियां




करीब 70 प्रतिशत लड़कियों का मानना है कि शहरों में रहने का माहौल सुरक्षित नहीं है। यह निष्कर्ष ‘प्लान इंडिया’ के एक सर्वेक्षण से सामने आया है। इस सर्वेक्षण में करीब 10,000 लड़कियों ने हिस्सा लिया।

इस पर आधारित रिपोर्ट बुधवार को फिल्म निर्देशक गो¨वद निहलानी तथा फिल्म अभिनेत्री व सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी ने जारी की। इस मौके पर निहलानी ने कहा कि लड़कियां देशभर में सामाजिक स्तर पर पीछे रह जाती हैं। आज के समय में तेजी से हो रहे शहरीकरण से महिलाएं एवं बच्चे और खासकर लड़कियां प्रभावित हो रही हैं।

रिपोर्ट के अनुसार 77 प्रतिशत लड़कियों के लिए छेड़खानी सबसे बड़ी चुनौती है। सर्वेक्षण में शामिल 74 प्रतिशत लड़कियों ने कहा कि उन्हें सार्वजनिक जगहों पर सबसे ज्यादा डर लगता है। सर्वेक्षण से इस बात का भी खुलासा हुआ है कि कंप्यूटर और इंटरनेट के तेजी से लोकप्रिय होने के बावजूद केवल १५ प्रतिशत लड़कियों की इंटरनेट तक पहुंच है। महज 21 प्रतिशत लड़कियों को इंटरनेट पर निजी सूचनाओं के संभावित दुरुपयोग के बारे में पता है।

सर्वेक्षण में शामिल 39 प्रतिशत लड़कियों ने कहा कि शहरों में पुलिस को चौकस एवं प्रभावी बनाने की जरूरत है। शहरों में रोजगार के बेहतर मौके होने की बात 53 प्रतिशत लड़कियां मानती हैं।

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